25 दिसम्बर 2021, दिन शनिवार। योगी आदित्यनाथ ने दो अटपटे फैसले एक साथ किए। पहला, नाइट कर्फ्यू लगा दो। दूसरा, लखनऊ के इकाना स्टेडियम में 1 लाख बच्चे बुला लो। बाबा का आदेश था तो दोनों का पालन हुआ। बच्चे आए, मां-बाप भी। फ्री का टैबलेट मिल रहा है। कौन छोड़ने वाला था, लेकिन अब बच्चे और मां-बाप, दोनों कह रहे हैं कि इस टैब से खतरा है। आइए पूरी कहानी में उतरते हैं-
क्या जो फोन और टैब बांटे, उसे कोई और भी चला रहा है?
28 दिसंबर 2021, अभी टैब दिए 3 ही दिन हुए थे। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से फोटो के साथ एक ट्वीट आया, “जिन बच्चों को योगी आदित्यनाथ ने मोबाइल फोन और टैब दिए हैं, उसमें एक वॉर्निंग आती है- ये डिवाइस प्राइवेट नहीं है।” यानी इस डिवाइस को आपके अलावा कोई और भी चला सकता है।
हमने इसकी पड़ताल की। हमने कुल 12 बच्चों से बात की। सबका कहना था कि हमारा नाम मत छापिएगा। फोन या टैब तो ठीक चल रहा है। ज्यादा दिक्कत नहीं है। हालांकि, कई बार उसे ओपेन करने पर वॉर्निंग आती है- “This device isn’t private.”
फोन के स्क्रीनशॉट के साथ ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ये ट्वीट 28 दिसंबर 2021 को कर दिया था।
डर लगता है इस टैब में अपना वॉट्सऐप चलाएं या नहीं
छात्रों ने कहा, “कई बार हमें इस टैब पर अपने सोशल मीडिया एकाउंट, जीमेल या वॉट़्सऐप लॉगिन करने में डर लगता है। कहीं सारा डाटा तो नहीं लिया जा रहा है। कहीं हमारे कॉन्टैक्ट्स, फोटोज और चैट कोई और तो नहीं पढ़ लेगा।”
हमने साइबर एक्सपर्ट से पूछा, क्या ऐसा हो सकता है?
साइबर एक्सपर्ट मयंक जायसवाल ने कहा, “सभी पॉपुलर एप्लिकेशन्स एंड-टु-एंड एन्क्रिप्टेड होती हैं। मतलब आपकी मर्जी के बिना कोई भी आपका डाटा एक्सेस नहीं कर सकता। वैसे, इन टैबलेट्स में भी IT डिपार्टमेंट के नोटिफिकेशन बंद नहीं हो सकते। असल में ऐसे टैब के वॉलपेपर, कॉर्पोरेट एप्लिकेशन्स को नहीं हटाया जा सकता। इसे सरकार का IT डिपार्टमेंट मॉनीटर भी कर सकता है। पर्सनल डाटा एक्सेस करना आसान नहीं, लेकिन सरकार अपने ऐप्स को मॉनिटर कर सकती है।”
इस टैब में कई दिक्कतें हैं, जांच का विषय है, लेकिन ये हो रहा हैः अखिलेश
इसी साल 17 जनवरी को अखिलेश यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। एक सवाल टैब पर आया। उन्होंने जवाब दिया, “इस वक्त मेरे पास जांच का समय नहीं है, लेकिन मेरे पास पुख्ता खबर है कि इन टैब में कई तरह की दिक्कतें हैं।”
उन्होंने सवाल पूछा, “BJP ने साल 2017 के घोषणा पत्र में युवाओं को टैबलेट देने का वादा किया था। 4 साल तक योगी का ये वादा ठंडे बस्ते में पड़ा रहा फिर अचानक चुनाव के पहले इसकी याद कैसे आ गई ?”
अखिलेश जी! आप भी दूध के धुले नहीं
साल 2013, सपा सरकार ने 12वीं पास स्टूडेंट्स को लैपटॉप बांटने शुरू किए। दावा करते हैं कि 18 लाख लैपटॉप दिए, लेकिन 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि लैपटॉप बीमार पड़ने लगे। कहीं चलते-चलते बंद हो गए, कोई बिना चार्जर के ऑन नहीं हुआ तो किसी की विंडो ही करप्ट हो गई। उसे ओपन करने पर लाल रंग में रंगी मुलायम और अखिलेश की फोटो दिखती थी। गाजियाबाद, नोएडा, फिरोजाबाद जैसे शहरों में छात्रों ने लैपटॉप खराब होने की शिकायत की।
दूसरी बात इससे साल भर पहले की है, यानी 2012, अखिलेश यादव की सरकार बनी ही थी। सत्ता संभालने के तुरंत बाद ही उन्होंने 10वीं पास होने वाले स्टूडेंट्स को मुफ्त टैबलेट और 12वीं पास स्टूडेंट्स को लैपटॉप देने का ऐलान किया। उस साल 29 लाख 80 हजार से ज्यादा बच्चों ने 10वीं पास किए। वे आज तक इंतजार कर रहे हैं। एक पत्रकार ने सवाल पूछा तो अखिलेश ने मजाकिया अंदाज में कहा, “टैबलेट क्या करेंगे अब उन्हें लैपटॉप दिया जाएगा।”
अखिलेश ने तो युवाओं को मजाक में टाल दिया, पर योगीजी ने क्या किया
19 अगस्त 2021, सरकार तब 7 महीने की बची थी। योगीजी विधानसभा सत्र में बोल रहे थे, “18 से 25 साल के ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन या डिप्लोमा में एडमिशन लेने वाले 1 करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्ट फोन सरकार देगी।” टाइमलाइन थी- अक्टूबर 2021
इसके बाद अक्टूबर निकला, नवंबर निकला, दिसंबर भी निकलने ही वाला था। लावा, सैमसंग और एसर तीन कंपनियां मिलकर 1 लाख टैबलेट नहीं बना पा रही थीं। फिर एक दिन योगीजी ने अपने अंदाज में समझाया। तब जाकर 60 हजार टैब और स्मार्टफोन देने को राजी हुईं।
फिर क्या कोरोना, क्या ओमिक्रॉन, क्या तीसरी लहर। 25 दिसम्बर 2021 को स्टेडियम सजा और लखनऊ की सड़कें जाम हो गईं। योगी बाबा बाहर निकले तो एहसास हुआ कि अरे यार कोरोना भी तो है। तब बोले- आज रात से नाइट कर्फ्यू रहेगा।
वहां से CM योगी स्टेडियम पहुंचे। बमुश्किल 25% लोगों ने मास्क लगाया था। पूरे धूम-धड़ाके से टैब बांटे। बस यहीं पर ये कहानी खत्म होती है। देखिए ये आखिरी तस्वीर…
25 दिसंबर 2021, लखनऊ का इकाना स्टेडियम। बीजेपी ने एक लाख लोगों के जुटने का दावा किया। उसी दिन गाजियाबाद 9, गौतमबुद्ध नगर में 13 नए कोरोना के मरीज मिले थे। इसके बाद 15 जनवरी तक रोज UP में 17 हजार से ज्यादा केस मिलने लगे थे।
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